अगर आप युवा हैं और पुरुष हैं, तो सेक्स के पहले और सेक्स के दौरान लिंग का खड़ा होना बिल्कुल सामान्य बात है। हां! अगर इस दौरान आपके लिंग में पर्याप्त तनाव नहीं आता है या वो पूरे जोश के साथ खड़ा नहीं हो पा रहा है, तो ये जरूर चिंता की बात है। पुरुषों की इस समस्या को ही इरेक्टाइल डिस्फंक्शन कहते हैं। इरेक्टाइल डिस्फंक्शन या नामर्दी कई कारणों से हो सकती है, जिनमें शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की समस्याएं शामिल हैं। दरअसल लिंग को खड़ा करने में आपके शरीर के हार्मोन्स, ब्लड सर्कुलेशन, मस्तिष्क, मांसपेशियां और तंत्रिकाएं (नर्व्स) आदि महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
क्या उम्र भी करती है आपकी सेक्स लाइफ को प्रभावित?
आमतौर पर लोग मान लेते हैं कि इरेक्टाइल डिस्फंक्शन उम्र की समस्या है और 40 के बाद यह पुरुषों में सामान्य है। मगर विलीज ऑनलाइन लाइब्रेरी की एक रिपोर्ट के अनुसार इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के शिकार 25% से ज्यादा पुरुषों की उम्र 40 से बहुत कम पाई गई है। इसका सीधा सा मतलब यह है कि लिंग के खड़ा होने की क्षमता और उम्र का संबंध तो है, मगर इसमें दूसरे फैक्टर भी काम करते हैं। शोध बताते हैं कि आजकल युवाओं में बढ़ता मानसिक तनाव, डिप्रेशन और चिंता आदि इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का कारण बन रहे हैं।
क्लीवलैंड क्लीनिक की रिपोर्ट के मुताबिक 40 की उम्र तक 40% पुरुषों में ही इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के लक्षण देखे जाते हैं। उम्र के साथ यह समस्या बढ़ती जाती है और 70 साल की उम्र तक लगभग 70% पुरुषों में ये समस्या देखने को मिलती है। इसका मतलब यह साफ है कि कुछ पुरुषों को 70 साल की उम्र के बाद भी नामर्दी की समस्या नहीं होती है, तो आप इसे सिर्फ उम्र से जोड़कर नहीं देख सकते हैं।
हार्ट की बीमारियां और इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का संबंध
युवाओं में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन आमतौर पर मानसिक कारणों से होता है, जबकि अधेड़ और बूढ़ों में इस समस्या का कारण उनकी उम्र भी हो सकती है। मायो क्लीनिक की रिपोर्ट कहती है कि इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के ज्यादातर मामलों में कुछ फैक्टर कॉमन पाए गए हैं, जैसे- हृदय रोग (हार्ट डिजीज), एथेरोस्केलोरिसिस, हाई ब्लड प्रेशर या किसी तरह का मेटाबॉलिक सिंड्रोम। ये तथ्य इस और इशारा करते हैं कि उम्रदराज लोगों को अगर इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का सामना करना पड़ रहा है, तो उन्हें हार्ट संबंधी बीमारियां या हाई ब्लड प्रेशर होने की संभावना ज्यादा है। इस तरह से इरेक्टाइल डिस्फंक्शन को उम्र दराज लोगों में हार्ट संबंधी रोगों का पूर्व संकेत भी माना जा सकता है।
इरेक्टाइल डिस्फंक्शन हो, तो हो जाएं सचेत
ऊपर बताए गए शोध, अध्ययन और डाटा के आधार पर यह समझना बहुत मुश्किल बात नहीं है कि अगर किसी पुरुष को इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का सामना करना पड़ रहा है, तो उसे कार्डियोवस्कुलर (धमनी) रोगों की भी जांच करानी चाहिए। जिससे सही समय पर हार्ट अटैक, हार्ट फेल्योर, कार्डियक अरेस्ट, एथेरोस्क्लेरोसिस जैसी बीमारियों का पता लगाया जा सके और जानलेवा खतरों से बचा जा सके। दरअसल ऐसे लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है, जो बिजी रहने के चलते अपनी सेहत और बीमारियों की जांच पर ध्यान नहीं देते हैं और कम उम्र में हृदय रोगों का शिकार बनते हैं।