घने और लहराते बाल सभी को पसंद होते हैं। सामान्य रूप से जब आप दर्पण में अपना चेहरा देखते हैं, तो यह पता लगाना मुश्किल है कि आपके बाल झड़ रहे हैं या नही। लेकिन अपने तकिये के ऊपर या सावर लेते समय गिरे हुए बालों के गुच्छे को  देखकर किसी को भी इस बात का अहसास हो सकता है, की वह एलोपेशिया(गंजेपन)की समस्या से ग्रसित है। तकिये पर या नहाते समय मिलने वाले बालों को देखकर ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नही है, लेकिन आखिर बालों के झड़ने की लिमिट क्या है? कैसे पता लगे कि आपके झड़ते बाल गंजेपन की शुरुआत है?

तो फिर थोड़ा समय निकालिये और अपने बालों के बारे में इन जरूरी बातों को जानिए।


बालों के विकास क्रम को जानें

सामान्य रूप से इंसान के सिर पर लगभग 100,000 बल होते हैं। जो विकास की अलग अलग अवस्थाओं से होकर गुजरते हैं। पहली अवस्था एनाजेन या ग्रोइंग फेज भी कहलाती है। इसमें बाल लगातार बढ़ते रहते हैं। यह 2 से 7 साल तक चलती है, साथ ही ये कितनी लम्बी होगी ये आपकी आनुवंशिकता पर निर्भर है। दूसरी अवस्था केटाजेन कहलाती है ये 10 दिन की होती है इसमें हेयर फालिकिल थोड़ा सिकुड़ जाता हैतीसरी अवस्था टीलोजेन कहलाती है तथा 3 महीने लंबी होती है। इसके बाद कि अवस्था एक्सोजेन कहलाती है इसमे बाल टूटकर गिर जाता है।

गंजेपन के लक्षण

अक्सर हमारे बाल लंबे समय से झड़ रहे होते हैं लेकिन हम उनपर ध्यान ही नही देते। सामान्य रूप से 50 से 100 बाल प्रतिदिन झड़ना नॉर्मल माना जाता है। आइये जानते हैं, कि आपके बालों का झड़ना सामान्य है, या फिर यह गंजेपन की ओर बढ़ते जाने की गंभीर चेतावनी

  • धीरे धीरे सिर के बालों का कम होना- यह हेयर लास का सबसे सामान्य प्रकार होता है और बढ़ती उम्र के साथ पुरुषों एवं महिलाओं के बाल कम होते जाते हैं।
  • बालों के नेचुरल कलर का समाप्त हो जाना - बालों का नेचुरल कलर खत्म हो जाये और बाल रूखे बे-जान लगने लगें तो यह एक स्पष्ट लक्षण है कि आप गंजेपन की ओर बढ़ रहे हैं।
  • सिर में गोल चकत्ते का उभरना जिसमे बाल समाप्त हो गए हों।
  • अचानक बालों का कम होने लगना- यह अवस्था किसी शारीरिक या मानसिक आघात के कारण होती है, इसमे अचानक ही तेजी से सिर के बाल कम होने लगते हैं।

यदि आपको लगता है कि आप में ये लक्षण हैं, और आप गंजेपन की ओर बढ़ रहे हैं, तो अपनी कोई एक या दो वर्ष पुरानी फ़ोटो लेकर वर्तमान की फ़ोटो से उसका मिलान करके देखें, क्या आपका माथा पहले भी इतना ही दिखाई देता था, क्या आपके कान के ऊपर बालों का घनापन इतना ही था या कम हो गया है।

गंजेपन के रिस्क फैक्टर

गंजापन एक ऐसी समस्या है, जिससे पुरुष और महिलाएं दोनो समान रूप से पीड़ित हैं। यहां कुछ ऐसे कारण बताये गए हैं जो कि गंजापन होने के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं।

थाइराइड लेवल

शरीर मे थायराइड हॉरमोन का सही स्तर बालों को स्वस्थ और मजबूत रखने में सहायता करता है। थायरॉइड के स्तर में बदलाव चाहे वह कमी हो या बढ़ोतरी हो दोनो ही स्थितियों में बालों पर बुरा प्रभाव डालते हैं। जिस से बाल कमजोर हो जाते हैं, और अधिक टूटने लगते हैं। इस हॉरमोन के स्तर की जांच एक छोटे से ब्लड टेस्ट से की जा सकती है, और किसी तरह की गड़बड़ी होने पर उचित दवा लेकर इसे सही किया जा सकता है।

एंड्रोजेनिक एलोपेशिया

इसे मेल पैटर्न या फीमेल पैटर्न एलोपेशिया (गंजापन) के नाम से भी जाना जाता है, यह एक सर्वसामान्य पाया जाने वाला गंजापन होता है। यह महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों को अधिक प्रभावित करता है। इसका मुख्य कारण डिहाईड्रॉक्सिटेस्टोस्टेरोन के प्रति अनुवांशिक संवेदनशीलता का होना होता है।

यह हॉरमोन हेयर फालिकिल को सिकोड़ता है, जिस से कि बालों की ग्रोथ रुक जाती है,बाल कमजोर हो जाते हैं, और गिरने लगते हैं।

एलोपेशिया अरिआटा

यह एक प्रकार की आटोइम्यून डिसीज होती है, जिसमे कि शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र हेयर फालिकिल पर बुरा असर डालने लगता है। इसके कारण अचानक ही गोल घेरे के रूप में बाल नष्ट होने लगते हैं। इसके होने का कारण स्पष्ट नही है, परन्तु रिसर्च से पता चलता है कि जिन व्यक्तियों के परिवार में यह रोग रहा हो या जिन्हें प्रतिरक्षा तंत्र से संबंधित रोग रहे हों उनमें इस रोग के होने की संभावना रहती है।

टीलोजेन एफ्लुवियम

यह भी बाल झड़ने और गंजेपन का एक मुख्य कारण है। लंबी बीमारी, शारिरिक चोट, गंभीर तनाव, वजन में अचानक हुए परिवर्तन या क्रेश डाइटिंग की वजह से यह रोग होता है।

तनाव या चिंता

अत्यधिक तनाव के कारण पूरे सिर के बाल टूट कर गिरने लगते हैं। एक रिसर्च के अनुसार अत्यधिक तनाव के कारण हेयर फालिकिल हाइबरनेशन की अवस्था मे चले जाते हैं। यह अवस्था गंभीर तनाव के कुछ समय तक(तीन से छः माह तक) लगातार रहने से ट्रिगर हो सकती है। फालिकिल हाइबरनेशन की अवस्था मे बाल कमजोर हो जाते हैं, और टूटने लगते हैं।

सोरायसिस

सोराइसिस या रिंगवर्म का इन्फेक्शन हो जाने पर भी सिर की त्वचा में जलन, खुजली, लालिमा, सूजन होने लगती है, और बाल झड़ना शुरू हो जाता है।

दवाओं का प्रयोग

कुछ विशेष तरह की दवाएं लगातार प्रयोग करने से भी गंजापन होने लगता है। कैंसर के इलाज में प्रयोग होने वाली दवाएं जैसे कि कीमोथेरेपी बालों के झड़ने का कारण हो सकती हैं। साथ ही ब्लड प्रेशर, रक्त को पतला करने वाली, डिप्रेशन के इलाज में प्रयोग होने वाली दवाएं भी गंजापन को बढ़ावा दे सकती हैं।

कुपोषण

भोजन में पोषक तत्वों की सही मात्रा ना होने से भी बाल टूटने लगते हैं। विटामिन ए, सी, बी7, बी12, तथा विटामिन ई तथा प्रोटीन बालों के स्वास्थ के लिए आवश्यक होते हैं।

इसके अलावा फॉलिक एसिड भी बालों की मजबूती के लिए जिम्मेदार होता है। इनकी पूर्ति के लिए खाने में हरी पत्ते दार सब्जियों, दूध, बादाम, गाजर आंवला को शामिल करना चाहिए।

गंजेपन होने के इन रिस्क फैक्टर को जान कर इनसे बचाव की कोशिश करना चाहिए फिर भी यदि यह समस्या आ गई हो तो उचित डॉक्टरी सलाह से दवाएं लेने से गंजेपन से मुक्ति पाई जा सकती है।